शीतलवाणी का नरेश सक्सेना विशेषांक

नरेश सक्सेना विशेषांक


"शीतलवाणी" के अगस्त -अक्तूबर 2014 में प्रकाशित नरेश सक्सेना विशेषांक में नरेश सक्सेना के रचना संसार की बानगी भी है और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर आलेख व सामग्री भी। उनकी कविताओं में से अनेक चर्चित कविताएं- आधा चांद मांगता है पूरी रात , भाषा से बाहर, पानी, दाग धब्बे, हिस्सा, नीम की पत्तियां, देखना जो ऐसा ही रहा तो, उसे ले गए, समुद्र पर हो रही है बारिश, इस बारिश में, और उनकी रंग कविताएं प्रकाशित की गयी है। इसके अतिरिक्त प्रख्यात साहित्यकार डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी, रमानन्द श्रीवास्तव, स्वप्निल श्रीवास्तव, मंगलेश डबराल, अरुण शीतांश, भरत प्रसाद, एकांत श्रीवास्तव, हरीशचंद्र पाण्डेय, सुशीला पुरी, साधना अग्रवाल आदि के आलेख भी हैं। इस अंक में महेश कटारे से खेमसिंह डहेरिया द्वारा उनकी कहानियों और रचना प्रक्रिया पर की गयी बातचीत भी है और प्रख्यात कथाकार से. रा. यात्री की कहानी-खुली आंखों का दुःख, प्रख्यात संस्समरण लेखक आर पी शुक्ल का संस्मरण-बुढ़िया की दुकान, कृष्ण कुमार यादव की दो लघुकथाएं, के डी सिंह का व्यंग्य तथा शबनम राठी,रजनीकांत पांडेय, मुकेश गौतम, सौरभ बुधकर, संजीव बख्शी, विजय लक्ष्मी विभा, ओमप्रकाश अडिग की कविताएं, नरेन्द्र गोयल, डॉ. आर पी सारस्वत, विनोद भृंग व शिवकुमार गौड़ की बाल कविताएं और विज्ञान व्रत, डॉ. अश्वघोष, डॉ. अजय सक्सेना, सलीम खां फरीद, सुरेश सपन, की ग़ज़लें तथा यश मालवीय, डॉ.सुधेश, मुमताज सादिक व डॉ.योगेन्द्र नाथ शर्मा अरुण के दोहे भी अंक का आकर्षण हैं। इसी अंक में हाइकु, पुस्तक समीक्षाएं और विभिन्न साहित्यिक गतिविधियां भी हैं।